नयन ज्योति आई हॉस्पिटल में मोतीबिंद सर्जरी का सुरक्षित इलाज
आज के समय में मोतीबिंद (Cataract) एक आम नेत्र रोग बन चुका है, विशेष रूप से वृद्ध लोगों में। आंख की प्राकृतिक लेंस पर धुंधलापन आ जाने से रोशनी में कमी आ जाती है और व्यक्ति को साफ़ दिखना बंद हो जाता है। यदि समय पर इलाज न कराया जाए, तो यह स्थायी अंधत्व का कारण भी बन सकता है। नयन ज्योति आई हॉस्पिटल में मोतीबिंद का सुरक्षित और आधुनिक तकनीकों से इलाज किया जाता है।
1. क्या है मोतीबिंद?
मोतीबिंद वह स्थिति है जिसमें आंखों की प्राकृतिक लेंस पर सफेदी आ जाती है और वह धुंधली हो जाती है। इससे व्यक्ति को धुंधला दिखने लगता है, रात में रोशनी से दिक्कत होती है और आंखों में झिलमिलाहट सी महसूस होती है। यह आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ होता है लेकिन डायबिटीज, आंखों की चोट, या आनुवंशिक कारणों से भी हो सकता है।
2. नयन ज्योति आई हॉस्पिटल की विशेषज्ञता
नयन ज्योति आई हॉस्पिटल आधुनिक उपकरणों और अनुभवी नेत्र चिकित्सकों से युक्त है। यहां लेज़र टेक्नोलॉजी द्वारा ब्लेड-फ्री मोतीबिंद सर्जरी की जाती है, जिससे सर्जरी बिल्कुल सुरक्षित, दर्द रहित और तेज़ रिकवरी के साथ होती है। अस्पताल में मरीज की आंखों की पूरी जांच करके, उसकी जरूरत के अनुसार इलाज की योजना बनाई जाती है।
3. मोतीबिंद सर्जरी की प्रक्रिया
मोतीबिंद सर्जरी के दौरान आंख की धुंधली हो चुकी लेंस को हटाकर उसकी जगह एक नया कृत्रिम लेंस (IOL – Intraocular Lens) लगाया जाता है। यह प्रक्रिया केवल 15-20 मिनट में पूरी हो जाती है और मरीज को उसी दिन घर भेज दिया जाता है। लेज़र सर्जरी की मदद से टांके लगाने की आवश्यकता नहीं होती और संक्रमण का खतरा भी बहुत कम हो जाता है।
4. सर्जरी के बाद देखभाल और सुझाव
सर्जरी के बाद डॉक्टर द्वारा बताए गए नेत्र ड्रॉप्स समय पर डालना बहुत जरूरी है। तेज़ रोशनी से बचें, आंखों को मसलें नहीं और धूल-धुएं से दूरी बनाएं। आमतौर पर मरीज 2–3 दिन में सामान्य गतिविधियां शुरू कर सकते हैं लेकिन पूरी रिकवरी में 2–4 हफ्ते लग सकते हैं।
निष्कर्ष:
यदि आप या आपके परिवार में किसी को मोतीबिंद की समस्या है, तो देर न करें। नयन ज्योति आई हॉस्पिटल में सुरक्षित, सटीक और सफल मोतीबिंद सर्जरी कराएं और फिर से स्पष्ट दृष्टि पाएं।