बच्चों की आंखों की देखभाल – जरूरी सावधानियां और सरल उपाय
आज के डिजिटल युग में बच्चों की आंखों पर लगातार दबाव बढ़ता जा रहा है। मोबाइल, टीवी, लैपटॉप और ऑनलाइन पढ़ाई के कारण बच्चों की आंखों में जलन, पानी आना, धुंधलापन या थकावट जैसी समस्याएं आम होती जा रही हैं। ऐसे में उनकी आंखों की सही देखभाल अत्यंत आवश्यक है। नयन ज्योति आई हॉस्पिटल समय-समय पर बच्चों की आंखों के स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता फैलाने का काम करता है। हमारा उद्देश्य है कि हर बच्चा स्पष्ट दृष्टि के साथ स्वस्थ जीवन जिए।
1. 20-20-20 नियम अपनाएं
हर 20 मिनट पर बच्चे को 20 फीट दूर देखकर 20 सेकंड का ब्रेक लेने की आदत डालें। इससे आंखों की थकान कम होती है और दृष्टि संतुलित रहती है।
2. पढ़ाई के समय सही रोशनी का उपयोग
अक्सर बच्चे कम रोशनी में पढ़ते हैं जिससे आंखों पर ज़ोर पड़ता है। सुनिश्चित करें कि बच्चा पढ़ाई करते समय प्राकृतिक या पर्याप्त कृत्रिम रोशनी में हो।
3. मोबाइल और स्क्रीन का सीमित प्रयोग
स्क्रीन टाइम को कम से कम रखें। मोबाइल या टैबलेट को आंखों से 1–1.5 फीट की दूरी पर रखें। बहुत पास से स्क्रीन देखने से दृष्टि दोष हो सकते हैं।
4. हर 6 महीने में नेत्र जांच कराएं
बच्चों की आंखों की नियमित जांच जरूरी है, भले ही कोई समस्या न हो। नयन ज्योति आई हॉस्पिटल में विशेषज्ञ डॉक्टर द्वारा निःशुल्क नेत्र जांच की सुविधा उपलब्ध है।
निष्कर्ष:-
बच्चों की आंखों की देखभाल छोटी बात लगती है, लेकिन यही सावधानी उन्हें भविष्य में चश्मे या गंभीर नेत्र रोगों से बचा सकती है। 20-20-20 नियम, सीमित स्क्रीन समय, और नियमित जांच जैसे छोटे कदम, बच्चों की आंखों को लंबे समय तक स्वस्थ बनाए रखते हैं।